पॉश समागम में 200+ पेशेवरों की भागीदारी, बदलाव की नई इबारत लिखी गई
— संवाद, सम्मान और संकल्प का भव्य संगम बना इंडिया इंटरनेशनल सेंटर
नई दिल्ली : “पिंक एंड ब्लू – सिंबायोटिक लिविंग” के तत्वावधान में नई दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 6वां वार्षिक पॉश कॉन्क्लेव एवं पुरस्कार समारोह (6th Annual Posh Conclave & Awards Ceremony) – “पॉश समागम” ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ। यह आयोजन केवल एक विधिक चर्चा नहीं, बल्कि महिलाओं के कार्यस्थल पर गरिमा एवं सुरक्षा के अधिकार को सशक्त रूप से स्वर देने वाला सामाजिक आंदोलन साबित हुआ।
कार्यक्रम की विशिष्ट बात यह रही कि इसमें वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी, एचआर विशेषज्ञों, समाजसेवियों सहित 200+ से अधिक पेशेवरों ने भागीदारी की, जो कार्यस्थलों को अधिक सुरक्षित, समावेशी और सम्मानजनक बनाने के उद्देश्य के साथ जुटे।
“पॉश समागम” बना समर्पण, सहयोग और संकल्प का प्रतीक
इस भव्य समागम का नेतृत्व रितु गोयल (अध्यक्ष) और अवनीश श्रीवास्तव (महासचिव) ने किया। दोनों ने अपनी दूरदर्शी सोच “हैप्पी एंड हेल्दी लिविंग वर्क” को दोहराते हुए POSH कानून के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता को रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि जस्टिस एम.एम. कुमार, जो जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और एनसीएलटी के प्रथम अध्यक्ष रह चुके हैं, ने अपने संबोधन में कहा,
“सुरक्षित कार्यस्थल हर महिला का मूल अधिकार है। पॉश एक्ट उसी आत्मविश्वास को सशक्त करता है। यह कानून महिलाओं को निडर और स्वाभिमान से कार्य करने का अवसर देता है।”
विशिष्ट अतिथि डॉ. राजीव रंजन (राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू) ने पॉश को महिलाओं के लिए नया सामाजिक कवच बताते हुए कहा:
“पॉश कानून केवल विधि नहीं, यह एक सामाजिक घोषणा है कि अब कार्यस्थलों पर महिलाओं को चुप नहीं रहना है। यह कानून चुप्पी को ताकत में बदल रहा है। महिलाएं अब उत्पीड़न के खिलाफ मजबूती से खड़ी हो रही हैं। कार्यस्थल अब डर नहीं, समान अवसर का स्थान बन रहा है।”
श्रीमती शिखा रॉय (विधायक, ग्रेटर कैलाश) ने पिंक एंड ब्लू के कार्यों की सराहना करते हुए दिल्ली में POSH के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ठोस प्रयासों का आश्वासन दिया।
प्रमुख वक्ताओं की भागीदारी और चर्चाएं
कॉन्क्लेव में अनेक प्रतिष्ठित हस्तियों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए:
सुश्री स्वेता सत्य (उप सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय)
वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी पवनी
आईसीएसआई के पूर्व अध्यक्ष श्री नेसर अहमद व श्री रंजीत पांडे
श्री के.के. सिंह (POSH सलाहकार)
सुश्री रीनू ऋतुराज (एसोसिएट डायरेक्टर, एक्सेंचर)
श्री मोहम्मद निसार (राष्ट्रीय सचिव, जदयू)
इन सभी वक्ताओं ने POSH कानून की व्यावहारिक चुनौतियों, न्यायिक व्याख्या, और प्रशिक्षण की जरूरतों पर विस्तार से बात की।
पिंक एंड ब्लू – बदलाव की संवेदनशील और सशक्त पहल
“पिंक एंड ब्लू – सिंबायोटिक लिविंग” एक पंजीकृत एनजीओ है, जो कार्यस्थलों पर महिलाओं की यौन उत्पीड़न से सुरक्षा, शिकायत निवारण, POSH प्रशिक्षण और कानूनी जागरूकता के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखता है। इसमें कंपनी सेक्रेटरी, अधिवक्ता, एचआर प्रोफेशनल्स और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं जो एकजुट होकर कार्यस्थलों को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाने के लिए सतत प्रयासरत हैं।
संस्था का मानना है कि समाज के हर वर्ग को POSH कानून के बारे में मुफ्त प्रशिक्षण और परामर्श मिलना चाहिए ताकि कार्यस्थल केवल उत्पादन और लाभ का नहीं, बल्कि सम्मानजनक सह-अस्तित्व का स्थान बन सके।
एक औपचारिक सभा नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति
“पॉश समागम” अपने आप में संवाद, समर्पण और सम्मान का ऐसा मंच बनकर उभरा, जिसकी गूंज केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे देश में कार्यस्थल सुधार की दिशा में एक प्रेरणास्रोत बन गया।
जहाँ एक ओर यह कार्यक्रम कानून के तकनीकी पक्षों की व्याख्या करता है, वहीं दूसरी ओर यह मानवता, न्याय और समानता की भावना को मजबूत करता है। POSH कानून के ज़रिए कार्यस्थलों को सशक्त, संवेदनशील और सुरक्षित बनाने की दिशा में पिंक एंड ब्लू की यह पहल निश्चित ही एक नई सामाजिक क्रांति का संकेत देती है।