सर्दी का मौसम शुरू होते ही पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। राजधानी दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर जैसे हालात में पहुंच चुकी है, लेकिन इस बार बिहार की हवा दिल्ली से भी अधिक जहरीली साबित हो रही है। वायु गुणवत्ता के ताज़ा आंकड़ों ने चौंकाने वाली स्थिति सामने रखी है।
मंगलवार (9 दिसंबर) सुबह 7 बजे जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में बिहार के दो शहर — हाजीपुर और पटना — सबसे ऊपर हैं।
सबसे खतरनाक स्थिति हाजीपुर की है, जहाँ AQI 625 दर्ज किया गया, जो अत्यंत गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं पटना का AQI 577 रहा, जिसने प्रदूषण के मामले में दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया।
दिल्ली का आज का औसत AQI लगभग 247 रहा, जबकि कई इलाकों में यह 300 के पार दर्ज किया गया है। लेकिन यह स्तर भी बिहार की स्थिति की तुलना में काफी कम है। पटना एयरपोर्ट क्षेत्र में AQI 334 दर्ज किया गया, जो रेड अलर्ट की श्रेणी में माना जाता है।
चिकित्सकों के अनुसार, यह स्तर स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी घातक है और पहले से बीमार लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों ने लोगों को घरों से कम बाहर निकलने, मास्क पहनने और जरूरत पड़ने पर ही यात्रा करने की सलाह दी है।
प्रदूषण के सबसे अधिक प्रभावित शहरों में पटना, आरा, बेगूसराय, भागलपुर, बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, हाजीपुर, मुंगेर और राजगीर शामिल हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड बढ़ने के कारण हवा का घनत्व बढ़ जाता है और तापमान कम होने से प्रदूषित हवा नीचे ही फंसी रह जाती है। इसके कारण धुंध जैसा प्रभाव दिखाई देता है। साथ ही, कई स्थानों पर ढीली मिट्टी और खुले क्षेत्रों में धूलकणों की अधिकता प्रदूषण को और बढ़ा देती है।
बिहार में वर्तमान वायु स्थिति चिंताजनक है और विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में यदि हवा की गति धीमी रही, तो प्रदूषण का स्तर और भी अधिक बढ़ सकता है।




