पटना : हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (से) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार से राज्यसभा की एक सीट को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर की है। पार्टी के नव निर्वाचित विधायकों के अभिनंदन समारोह में उन्होंने राज्य सरकार में मंत्री और अपने पुत्र डॉ. संतोष कुमार सुमन को सार्वजनिक रूप से कड़ा संदेश दिया। मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि राज्यसभा की सीट नहीं मिल रही है, तो मंत्री पद का मोह छोड़ देना चाहिए।
रविवार को कला-सांस्कृतिक केंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि राज्यसभा में डॉ. संतोष कुमार सुमन को जगह मिलनी चाहिए थी। उन्होंने गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यसभा की दो सीटें भाजपा और दो सीटें जदयू को दी गईं, जबकि एक सीट लोजपा को मिली। इसके बावजूद, हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा को एक भी सीट नहीं दी गई, जो पार्टी के साथ अन्याय है।
मांझी ने कहा कि भाजपा के बाद हम पार्टी का वोट प्रतिशत सबसे मजबूत है, फिर भी उसे राज्यसभा से वंचित रखा गया। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि पार्टी छोटी मांगों से बाहर निकले और राष्ट्रीय राजनीति में मजबूती से अपनी भूमिका निभाए।
अपने पुत्र को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा, “तू मंत्री पद का मोह छोड़ दे। राज्यसभा की सीट बंट चुकी है। अगर हमें सम्मान नहीं मिल रहा, तो स्पष्ट स्टैंड लेना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. संतोष कुमार सुमन के पीछे स्वयं एक केंद्रीय मंत्री खड़ा है और अब उन्हें बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
जीतन राम मांझी ने पार्टी अध्यक्ष को सलाह दी कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी को मजबूत करने पर फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि अब तैयारी 100 सीटों की होनी चाहिए और गठबंधन से 100 सीटों के टिकट की मांग करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को साफ शब्दों में कहना चाहिए कि यदि 100 सीटें मिलती हैं तो गठबंधन के साथ हैं, अन्यथा संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।
मांझी के इस बयान को बिहार की राजनीति में बड़े संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह बयान न सिर्फ राज्यसभा सीट को लेकर नाराजगी है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले गठबंधन सहयोगियों पर दबाव बनाने की रणनीति भी है।




