पटना : बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा शुक्रवार को जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना के सभागार में एक दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता विभाग की माननीय मंत्री श्रीमती रमा निषाद ने की। बैठक का उद्देश्य विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना तथा उन्हें और अधिक प्रभावी बनाना रहा।
बैठक की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में सामने आई। विभाग ने आईआईटी कानपुर के साथ ‘साथी’ (SATHEE) कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। अपराह्न 4:30 बजे संपन्न इस समझौते का उद्देश्य विभाग द्वारा संचालित अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को जेईई, नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विश्वस्तरीय कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराना है। इससे पूर्व आईआईटी कानपुर की टीम द्वारा प्रधानाध्यापकों एवं नोडल पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।
अपराह्न सत्र में माननीय मंत्री एवं विभागीय प्रधान सचिव ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की। विभाग द्वारा संचालित 39 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालयों की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था पर विशेष चर्चा की गई। मंत्री ने ‘जीविका’ के माध्यम से विद्यालयों में मेस एवं साफ-सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए और कहा कि छात्राओं को स्वच्छ कपड़े एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन हर हाल में मिलना चाहिए।
नामांकन की स्थिति एवं शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हुए माननीय मंत्री ने शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार को प्राथमिकता बताया। साथ ही निर्माणाधीन योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए।
वित्तीय अनुशासन पर सख्त रुख अपनाते हुए मंत्री ने लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्रों तथा एसी/डीसी विपत्रों के शीघ्र समायोजन का आदेश दिया। इसके अतिरिक्त राज्यभर में स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर कल्याण छात्रावासों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावासों के जीर्णोद्धार, मेस संचालन और शुद्ध पेयजल (आरओ) की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
अपने संबोधन में माननीय मंत्री श्रीमती रमा निषाद ने स्पष्ट कहा कि विभाग से जुड़े प्रत्येक मुद्दे का समाधान किया जाएगा, लेकिन इसके लिए अधिकारियों को फील्ड में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि जनकल्याणकारी योजनाओं को गति दें ताकि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ सुचारू रूप से पहुँच सके।
बैठक में विभाग के प्रधान सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, प्रमंडलीय उप निदेशक, जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रधानाध्यापक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।




