उपलब्धि; राज्य खेल अकादमी को हॉकी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस मान्यता’
राज्य खेल अकादमी को ‘हॉकी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ की मान्यता, बिहार की खेल दुनिया में नई उपलब्धि
Gaam Ghar, राजगीर (नालंदा) : बिहार के खेल इतिहास में सोमवार का दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि लेकर आया। राजगीर स्थित राज्य खेल अकादमी को एशियन हॉकी फेडरेशन अकादमी और हॉकी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में आधिकारिक मान्यता प्राप्त हो गई है। इस प्रतिष्ठित मान्यता को हासिल करने वाली यह देश की पहली राज्य स्तरीय खेल अकादमी बन गई है, जिससे बिहार ने राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर एक नई पहचान स्थापित कर ली है।
जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के बाद मिला सम्मान
चेन्नई में आयोजित जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन (FIH) के अध्यक्ष तैयब इकराम ने बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह को यह मान्यता–प्रमाण पत्र सौंपा। यह क्षण न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे देश के खेल समुदाय के लिए गौरवपूर्ण माना जा रहा है।
बिहार की खेल प्रगति का प्रतीक—श्रेयसी सिंह
मान्यता प्राप्त करने के बाद खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि बिहार के खेल संसाधनों, खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों की निरंतर मेहनत का फल है। उन्होंने कहा—
“राजगीर स्थित राज्य खेल अकादमी को मिला यह सम्मान बिहार की बढ़ती वैश्विक खेल उपलब्धियों का प्रतीक है। पहली बार किसी राज्य खेल अकादमी को यह प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त हुई है, यह पूरे बिहार के लिए गर्व का विषय है।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस मान्यता के बाद अब बिहार से हॉकी के क्षेत्र में उभरते खिलाड़ी विश्व स्तरीय प्रशिक्षण और अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ बनने के फायदे
इस मान्यता से राज्य खेल अकादमी को कई अंतरराष्ट्रीय अवसर प्राप्त होंगे—
- वैश्विक स्तर के हॉकी प्रशिक्षण मानकों का इस्तेमाल
- अंतरराष्ट्रीय कोचों और ट्रेनरों की भागीदारी
- उभरते खिलाड़ियों के लिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम
- विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना और वैज्ञानिक प्रशिक्षण तकनीक
- अंतरराष्ट्रीय हॉकी आयोजनों और कैंपों की मेजबानी के अवसर
इसके साथ ही, बिहार अब हॉकी के क्षेत्र में देश की अग्रणी खेल धरती के रूप में उभरने को तैयार है।
बिहार के खेल परिदृश्य में नई उम्मीद
राजगीर में निर्मित अत्याधुनिक खेल परिसर में पहले से ही विभिन्न खेलों के लिये आधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं। अब ‘हॉकी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ की मान्यता मिलने से यह स्थान देश के सर्वश्रेष्ठ हॉकी प्रशिक्षण केंद्रों में शुमार हो गया है। इससे न केवल बिहार के खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा, बल्कि देशभर के युवा हॉकी प्रतिभाओं के लिए भी यह एक प्रमुख गंतव्य बन सकता है।
इस उपलब्धि से बिहार के खेल विकास में नई ऊर्जा का संचार हुआ है और यह उम्मीद बढ़ गई है कि आने वाले वर्षों में राज्य कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करेगा।




